Milk Price Increase: कर्नाटक की जनता को जल्द ही महंगाई का एक और झटका लग सकता है. राज्य में दूध की कीमतें बढ़ने वाली हैं. कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दूध की उत्पादन लागत में लगातार वृद्धि हो रही है. जिससे किसान दूध के दाम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि अभी तक सरकार ने यह तय नहीं किया है कि कीमतों में कितनी बढ़ोतरी होगी और यह कब से लागू होगी.
किसानों की मांग – 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी
राज्य विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में मंत्री वेंकटेश ने बताया कि किसान 10 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है और जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ चर्चा के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला लेगी.
उत्पादन लागत बढ़ने से किसान परेशान
पिछले कुछ समय से दूध उत्पादन की लागत लगातार बढ़ रही है. चारे की कीमतों में वृद्धि, पशुओं की देखभाल का खर्च और अन्य उत्पादन संबंधी खर्च बढ़ने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि अगर दूध के दाम नहीं बढ़ाए गए तो वे नुकसान में चले जाएंगे.
‘नंदिनी’ ब्रांड के तहत दूध बेचने वाली KMF भी दे चुकी है संकेत
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF), जो ‘नंदिनी’ ब्रांड के तहत दूध और अन्य डेयरी उत्पाद बेचती है. पहले ही कीमतों में संभावित बढ़ोतरी का संकेत दे चुकी है. KMF के चेयरमैन भीमा नाइक ने भी कहा था कि दूध की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि सरकार की ओर से अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
सरकार पर किसानों का बकाया 613.5 करोड़ रुपये
विधान परिषद में चर्चा के दौरान यह भी सामने आया कि कर्नाटक सरकार पर अक्टूबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच किसानों का 613.5 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन बकाया है. कांग्रेस एमएलसी उमाश्री और भाजपा के एमजी मुले ने इस संबंध में सवाल उठाए थे. जिसके जवाब में मंत्री वेंकटेश ने बताया कि अपर्याप्त आवंटन और बढ़ते दूध उत्पादन की वजह से यह बकाया है.
सरकार किसानों को देती है 5 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि
मंत्री ने बताया कि कर्नाटक सरकार किसानों को प्रति लीटर दूध पर 5 रुपये की प्रोत्साहन राशि देती है. इस योजना के तहत 90.04 लाख किसानों को इसका लाभ मिलना था. लेकिन सरकार अब तक 656 करोड़ रुपये जारी नहीं कर पाई है. हालांकि मंत्री ने भरोसा दिलाया कि जैसे ही वित्त विभाग से मंजूरी मिलेगी. यह बकाया राशि जल्द ही जारी कर दी जाएगी.
दूध की बढ़ती कीमतों का आम लोगों पर असर
अगर सरकार दूध के दाम बढ़ाने का फैसला लेती है, तो इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा. कर्नाटक में लाखों लोग हर दिन दूध और इससे जुड़े उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं. दूध महंगा होने से घरों का बजट प्रभावित होगा. खासकर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोग इस बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.
अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं
दूध के दाम बढ़ने से अन्य डेयरी उत्पाद जैसे दही, मक्खन, पनीर और घी की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती है. इससे होटल, रेस्टोरेंट और मिठाई व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी नुकसान हो सकता है. पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे लोगों को एक और आर्थिक झटका लग सकता है.
सरकार को संतुलित निर्णय लेने की जरूरत
सरकार के सामने अब बड़ी चुनौती है कि वह किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए संतुलित निर्णय ले. अगर दूध के दाम जरूरत से ज्यादा बढ़ते हैं, तो आम जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन अगर दाम नहीं बढ़ाए जाते तो किसानों को नुकसान होगा. ऐसे में सरकार को ऐसा रास्ता निकालना होगा. जिससे दोनों पक्षों को राहत मिले.
क्या सरकार सब्सिडी बढ़ाने पर विचार कर सकती है?
एक संभावित समाधान यह हो सकता है कि सरकार दूध की कीमतें सीधे बढ़ाने की बजाय किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाए. अगर सरकार प्रति लीटर पर दी जाने वाली 5 रुपये की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 7-8 रुपये कर दे, तो किसानों को राहत मिलेगी और उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा.
जनता को जल्द मिल सकता है सरकार का फैसला
अभी यह तय नहीं है कि दूध की कीमतें कब से बढ़ेंगी और कितनी बढ़ेंगी, लेकिन राज्य सरकार जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय ले सकती है. मुख्यमंत्री और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद सरकार इसकी घोषणा कर सकती है. तब तक जनता को इस मुद्दे पर सरकार के फैसले का इंतजार करना होगा.