UPI New Rules: आज के दौर में यूपीआई (UPI) डिजिटल भुगतान का सबसे तेज और सुविधाजनक माध्यम बन चुका है. लोग अपने रोजमर्रा के लेनदेन में यूपीआई का इस्तेमाल बड़ी संख्या में कर रहे हैं. ऐसे में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम लागू करने की घोषणा की है. 1 अप्रैल 2025 से इन नियमों को प्रभावी किया जाएगा, जिससे यूपीआई लेनदेन से जुड़े कई बदलाव देखने को मिलेंगे.
बंद और दोबारा जारी किए गए मोबाइल नंबर हटाए जाएंगे
NPCI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे उन मोबाइल नंबरों को यूपीआई सिस्टम से हटा दें जो या तो बंद हो चुके हैं या किसी और को जारी कर दिए गए हैं. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी पुराना नंबर गलत हाथों में जाकर धोखाधड़ी का कारण न बने. इस बदलाव का मकसद यूपीआई लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाना है, ताकि गलत ट्रांजैक्शन से बचा जा सके.
हर सप्ताह होगी मोबाइल नंबरों की समीक्षा
बैंकों और यूपीआई सेवा प्रदाताओं (UPI Payment Service Providers) को निर्देश दिया गया है कि वे हर सप्ताह मोबाइल नंबरों की अपडेटेड लिस्ट तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पुराना या अस्थायी रूप से बंद हुआ नंबर यूपीआई सिस्टम में न रहे. इससे असफल और गलत यूपीआई ट्रांजेक्शन को रोका जा सकेगा.
बैंकों और यूपीआई ऐप्स को करना होगा सिस्टम अपडेट
एनपीसीआई ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी बैंकों और यूपीआई ऐप्स को अपने सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करना होगा. 16 जुलाई 2024 को हुई एनपीसीआई की बैठक में इस पर सहमति बनी थी, जिसके तहत यूपीआई पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे समय-समय पर सिक्योरिटी अपडेट्स लागू करें. इससे डिजिटल भुगतान और अधिक सुरक्षित हो जाएगा और फर्जी लेनदेन पर रोक लग सकेगी.
यूजर्स को देना होगा अपडेट के लिए अनुमोदन
बैंकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यूपीआई यूजर्स की सहमति के बिना उनके मोबाइल नंबर अपडेट न किए जाएं. इसके लिए एक नया सिस्टम लागू किया जाएगा. जिसमें यूजर्स को यूपीआई ऐप के माध्यम से अनुमति (Approval) देने का विकल्प मिलेगा. यदि कोई यूजर अपने मोबाइल नंबर को अपडेट करने की अनुमति नहीं देता है, तो उस नंबर से यूपीआई ट्रांजैक्शन संभव नहीं होगा.
बैंकों को NPCI को देना होगा मासिक रिपोर्ट
1 अप्रैल 2025 से सभी बैंकों और यूपीआई ऐप्स को NPCI को हर महीने रिपोर्ट सौंपनी होगी. इस रिपोर्ट में निम्नलिखित जानकारी शामिल होगी:
- कितने मोबाइल नंबरों से जुड़ी यूपीआई आईडी (UPI ID) सक्रिय हैं.
- कितने एक्टिव यूजर्स (Active Users) यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं.
- यूपीआई आधारित लेनदेन (UPI Transactions) की कुल संख्या.
इस कदम से यूपीआई सिस्टम की पारदर्शिता (Transparency) बढ़ेगी और सभी ट्रांजैक्शन अधिक सुरक्षित होंगे.
यूपीआई ट्रांजैक्शन को और सुरक्षित बनाने का प्रयास
NPCI द्वारा उठाए गए ये कदम यूपीआई ट्रांजैक्शन को और अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए हैं. डिजिटल लेनदेन की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी (Fraud) के मामले भी सामने आ रहे हैं. नए नियमों के तहत बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यूपीआई से जुड़े सभी मोबाइल नंबर सक्रिय और सही (Active & Valid) हों.
यूजर्स के लिए क्या जरूरी होगा?
- यदि आप यूपीआई सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपने मोबाइल नंबर को अपडेट रखना बेहद जरूरी होगा.
- यूपीआई ऐप के माध्यम से आने वाले अनुमोदन (Approval) अनुरोध को ध्यान से पढ़ें और उसे स्वीकार करें.
- किसी भी असामान्य यूपीआई ट्रांजैक्शन की स्थिति में तुरंत बैंक से संपर्क करें.
- SMS और अन्य अपडेट्स पर नजर रखें, ताकि कोई भी बदलाव आपको समय पर पता चले.
यूपीआई को सुरक्षित रखने के लिए NPCI के नए नियम क्यों जरूरी हैं?
डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह बदलाव बेहद जरूरी हो गया था. कई बार ऐसा होता है कि लोग अपने पुराने मोबाइल नंबर को छोड़ देते हैं और वह नंबर किसी और को अलॉट हो जाता है. ऐसे में अगर पुराने नंबर से जुड़ी यूपीआई आईडी सक्रिय रहती है तो गलत व्यक्ति इसे एक्सेस कर सकता है. NPCI के इस कदम से इस तरह के मामलों को रोकने में मदद मिलेगी.
कैसे करें अपने यूपीआई मोबाइल नंबर की जांच और अपडेट?
यदि आप सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपका यूपीआई मोबाइल नंबर सही है और अपडेटेड है, तो आप निम्नलिखित तरीकों से जांच कर सकते हैं:
- यदि आपका पुराना मोबाइल नंबर अब निष्क्रिय (Inactive) हो चुका है, तो तुरंत बैंक में जाकर नया नंबर अपडेट कराएं.
- अपने बैंक से संपर्क करें और अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की पुष्टि करें.
- यूपीआई ऐप खोलें (Google Pay, PhonePe, Paytm, BHIM UPI आदि) और सेटिंग्स में जाकर मोबाइल नंबर चेक करें.