Liquor Shop Licence: जिले में शराब दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया ई-लॉटरी के माध्यम से पूरी की जाएगी. इसके लिए कुल 1559 लोगों ने आवेदन किया है. जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद वर्मा ने बताया कि 6 मार्च को ई-लॉटरी प्रक्रिया के तहत दुकानों का व्यवस्थापन कराया जाएगा. इस प्रक्रिया के तहत देशी शराब की 132, विदेशी मदिरा व बीयर की 54 और भांग की आठ फुटकर बिक्री की दुकानों का आवंटन किया जाएगा.
ई-लॉटरी प्रक्रिया 6 मार्च को आयोजित होगी
प्रथम चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया 6 मार्च को सुबह 10 बजे से 11:45 बजे तक वीरभूमि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में संपन्न होगी. पहले चरण में ही सभी दुकानों का आवंटन कर दिया जाएगा. जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि पहले 1560 लोगों ने आवेदन किया था. लेकिन एक आवेदन को निरस्त कर दिया गया है. अब 1559 आवेदन पत्रों को ई-लॉटरी प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा.
आवेदकों के लिए नियम और शर्तें
ई-लॉटरी प्रक्रिया में शामिल होने वाले सभी आवेदकों को सभागार में प्रवेश के लिए अपनी आवेदन रसीद दिखानी होगी. इसके अलावा चयनित आवेदकों को 11 मार्च तक निर्धारित बेसिक लाइसेंस फीस और लाइसेंस फीस जमा करनी होगी. यदि कोई आवेदक निर्धारित समय तक फीस जमा नहीं करता है, तो उसकी दुकान अगले चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया में पुनः शामिल कर दी जाएगी.
हाईवे किनारे की शराब दुकानें हटेंगी
उन्नाव जिले में हाईवे किनारे संचालित शराब की दुकानें सड़क दुर्घटनाओं के लिए एक प्रमुख कारण बनी हुई हैं. वाहन चालक हाईवे पर गाड़ी रोककर शराब पीते हैं और नशे की हालत में वाहन चलाते हैं. जिससे सड़क हादसे होते हैं. इसके अलावा सड़क किनारे वाहन खड़ा करने से अन्य वाहन टकरा जाते हैं और दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं.
मुख्यमंत्री के आदेश से दुकानदारों में मची खलबली
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अब हाईवे किनारे की शराब दुकानों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. इस निर्णय से शराब दुकानदारों में हलचल मच गई है. हालाँकि आबकारी अधिकारी रविशंकर ने बताया कि अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिला है. आदेश मिलते ही हाईवे किनारे की सभी शराब दुकानों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार होगी कार्रवाई
आबकारी निरीक्षक सदर भवानी सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नगर निकाय क्षेत्र को छोड़कर कानपुर-लखनऊ और उन्नाव-लालगंज हाईवे पर जितनी भी शराब की दुकानें हैं. वे सड़क से 220 मीटर दूर स्थित हैं. पहले यह दूरी 500 मीटर निर्धारित थी. लेकिन इसे संशोधित कर दिया गया है.
इन क्षेत्रों में संचालित हो रही हैं हाईवे किनारे दुकानें
कानपुर-लखनऊ हाईवे पर गदनखेड़ा में एक बीयर शॉप, अंग्रेजी शराब की दुकान, एक मॉडल शॉप और एक देशी शराब का ठेका संचालित है. इसके अलावा अजगैन के नवाबगंज क्षेत्र में हाईवे किनारे एक अंग्रेजी शराब की दुकान, एक बीयर शॉप और एक देशी शराब का ठेका मौजूद है. कुल मिलाकर छह दुकानें हाईवे के किनारे स्थित हैं. आदेश मिलने के बाद इन सभी दुकानों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा.
आबकारी विभाग की चुनौतियाँ और समाधान
हाईवे किनारे शराब की दुकानों को हटाने और नई दुकानों का आवंटन करने की प्रक्रिया आबकारी विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि शराब की दुकानों को ऐसी जगह स्थानांतरित किया जाए. जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए और सरकार के राजस्व पर भी असर न पड़े.
शराब दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता
ई-लॉटरी प्रक्रिया से शराब दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता बनी रहेगी. इस प्रक्रिया से आवंटन में धांधली की संभावनाएँ कम हो जाती हैं और सभी आवेदकों को समान अवसर प्राप्त होता है. प्रशासन इस प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए पूरी तरह तैयार है.