Teachers Exams Duty: राज्यभर के सभी स्कूलों में इस समय बोर्ड परीक्षाओं, घरेलू परीक्षाओं और उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का कार्य तेजी से चल रहा है. इसी बीच स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) पंजाब ने शिक्षकों के लिए विभिन्न स्तरों पर ओरिएंटेशन सैमीनार आयोजित करने के आदेश जारी किए हैं. यह आदेश ‘मिशन समर्थ 3.0’ के तहत लागू किए गए हैं. जिसमें प्राइमरी और अपर प्राइमरी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
शिक्षकों की ड्यूटी और सैमीनार का टकराव
अध्यापकों का मानना है कि SCERT द्वारा जारी किए गए सैमीनारों के आदेशों से स्कूलों की सामान्य व्यवस्था प्रभावित हो सकती है. कई स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं जारी हैं. जबकि अन्य में घरेलू परीक्षाएं हो रही हैं. इसके अलावा कई शिक्षकों को उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. ऐसे में शिक्षकों का कहना है कि इस समय ओरिएंटेशन सैमीनार में भाग लेना मुश्किल होगा.
‘मिशन समर्थ 3.0’ के तहत होगा प्रशिक्षण
SCERT पंजाब के निर्देशानुसार ‘मिशन समर्थ 3.0’ के तहत ब्लॉक और जिला स्तरीय ओरिएंटेशन सैमीनार आयोजित किए जाएंगे. यह सैमीनार 4 मार्च से 15 मार्च 2025 तक चलेंगे. इसमें विभिन्न जिलों से चयनित ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (BRP) और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
ब्लॉक रिसोर्स पर्सन और शिक्षकों के लिए सैमीनार की तारीखें
- ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (BRP) के लिए 2 दिवसीय जिला स्तरीय ओरिएंटेशन – 4 और 5 मार्च 2025.
- प्राइमरी और अपर प्राइमरी शिक्षकों के लिए एक दिवसीय ब्लॉक स्तरीय ओरिएंटेशन – 6 से 15 मार्च 2025.
इन सैमीनारों में:
- प्राइमरी स्तर के 912 ब्लॉक रिसोर्स पर्सन और अपर प्राइमरी स्तर के 684 ब्लॉक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
- तीसरी से आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों को विषयवार प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
शिक्षकों की परेशानी: परीक्षा कार्य के बीच अतिरिक्त ट्रेनिंग
शिक्षकों ने चिंता जताई है कि परीक्षा अवधि के दौरान इस तरह की ट्रेनिंग से उनका कार्यभार बढ़ सकता है. उनका कहना है कि:
- अधिकांश स्कूल स्टाफ बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी या उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में व्यस्त है.
- अन्य शिक्षक स्कूलों में कक्षाओं की परीक्षाएं आयोजित करने, पेपर चेक करने और परिणाम तैयार करने में लगे हुए हैं.
- इस दौरान ओरिएंटेशन सैमीनारों में भाग लेना कठिन होगा और इससे स्कूलों की सामान्य शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित होगी.
शिक्षकों की नाराजगी और विभाग पर उठे सवाल
कई शिक्षकों ने SCERT और शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि इस समय जब परीक्षा प्रक्रिया जोरों पर है. तब सैमीनार आयोजित करने का फैसला सही नहीं है. शिक्षकों का तर्क है कि:
- इस अवधि में सैमीनार आयोजित करने से बोर्ड परीक्षा और मूल्यांकन कार्य प्रभावित हो सकता है.
- अगर सैमीनार जरूरी हैं, तो इन्हें परीक्षा कार्य पूरा होने के बाद आयोजित किया जाना चाहिए.
SCERT की सफाई: प्रशिक्षण जरूरी है
वहीं, SCERT पंजाब का कहना है कि ‘मिशन समर्थ 3.0’ के तहत शिक्षकों को प्रशिक्षित करना बहुत जरूरी है. यह शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जो उनके शिक्षण कौशल को और बेहतर बनाएगा. विभाग के अनुसार:
- इस सैमीनार का उद्देश्य शिक्षकों को नई शिक्षण तकनीकों और पाठ्यक्रम सुधारों से अवगत कराना है.
- शिक्षकों को समय प्रबंधन के तहत इस ट्रेनिंग में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
- यह कार्यक्रम भविष्य में छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
क्या परीक्षा के बाद हो सकते हैं ये सैमीनार?
शिक्षकों के विरोध के मद्देनजर यह सवाल उठता है कि क्या इन सैमीनारों को परीक्षा अवधि के बाद आयोजित किया जा सकता था? शिक्षकों का मानना है कि अगर ये सैमीनार बोर्ड परीक्षाओं के बाद होते, तो ज्यादा प्रभावी होते. इससे:
- स्कूलों में शैक्षणिक प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रहती.
- शिक्षकों को बेहतर तरीके से भाग लेने का मौका मिलता.
- परीक्षा कार्य प्रभावित नहीं होता.