Punjab Farmer: पंजाब के फाजिल्का जिले के जलालाबाद क्षेत्र के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है. 66 साल के लंबे इंतजार के बाद किसानों को नहरी पानी की सुविधा मिलने जा रही है. राज्य सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 23 करोड़ रुपये की लागत से बने सुहेलेवाला माइनर का उद्घाटन किया है. यह माइनर किसानों को सिंचाई के लिए जरूरी पानी उपलब्ध कराएगा, जिससे कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है.
13 किलोमीटर लंबी माइनर, 10 गांवों को होगा फायदा
सुहेलेवाला माइनर की कुल लंबाई 13 किलोमीटर है. जिससे आसपास के 10 गांवों के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. इस परियोजना के लिए 8 करोड़ रुपये की लागत से जमीन अधिग्रहण की गई है. माइनर के शुरू होने से इन गांवों की 5500 एकड़ जमीन को सिंचाई का पानी मिलेगा. जिससे किसानों को बोरवेल और ट्यूबवेल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
45 साल पहले हुआ था इस परियोजना का सर्वे
इस प्रोजेक्ट का सर्वे करीब 45 साल पहले किया गया था. लेकिन तब यह योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई थी. लंबे समय तक फाइलों में अटकी इस योजना को पंजाब सरकार ने अब साकार कर दिया है. पंजाब के सिंचाई मंत्री बरिंदर गोयल ने इसका उद्घाटन किया और कहा कि इस माइनर के शुरू होने से जलालाबाद क्षेत्र के किसानों को बड़ा फायदा होगा.
गोल्डी कंबोज के प्रयासों से सफल हुआ प्रोजेक्ट
इस परियोजना को शुरू करने में जलालाबाद के विधायक गोल्डी कंबोज का अहम योगदान रहा है. उन्होंने इस प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने के लिए लगातार प्रयास किए. विधायक गोल्डी कंबोज ने बताया कि चौधरियां माइनर, जो अंग्रेजों के समय 1940 में बनी थी. 1959 में बंद हो गई थी. अब 66 साल बाद इसे फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है. जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी.
सिंचाई के लिए जमीनी पानी पर निर्भरता होगी कम
आज के समय में सबसे बड़ी समस्या भूजल स्तर का लगातार गिरना है. किसान ट्यूबवेल और बोरवेल से पानी निकालकर सिंचाई करते हैं, जिससे भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. सरकार द्वारा इस नहरी पानी योजना को फिर से शुरू करने का फैसला जल संकट से निपटने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इससे किसानों को सस्ती और निरंतर सिंचाई सुविधा मिल सकेगी. जिससे उन्हें खेती में होने वाले अतिरिक्त खर्च से भी राहत मिलेगी.
5 करोड़ रुपये की लागत से हुआ चौधरियां माइनर का पुनरुद्धार
चौधरियां माइनर को दोबारा शुरू करने में कुल 5 करोड़ रुपये की लागत आई है. सरकार की इस पहल से फाजिल्का जिले के किसानों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है. यह माइनर जलालाबाद और आसपास के इलाकों में पानी की आपूर्ति को बेहतर बनाएगी. जिससे फसलों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सकेगा.
कृषि उत्पादन में आएगा सुधार, किसानों की आय बढ़ेगी
पानी की कमी के कारण किसान पहले कम उत्पादन कर पाते थे. लेकिन नहरी पानी की सुविधा मिलने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी. पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण किसान अधिक फसल उगा सकेंगे, जिससे उनकी आमदनी में भी इजाफा होगा. यह पहल पंजाब के ग्रामीण इलाकों में खेती की स्थिति सुधारने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी.
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम कदम
नहरी पानी के उपयोग से किसानों को न केवल सस्ता और टिकाऊ जल स्रोत मिलेगा. बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार साबित होगा. बोरवेल और ट्यूबवेल से अत्यधिक पानी निकालने के कारण भूजल स्तर गिर रहा था. जिससे भविष्य में पानी की गंभीर समस्या पैदा हो सकती थी. सरकार के इस फैसले से भूजल स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलेगी.