सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार, हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार Ganga Expressway

Ganga Expressway: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण जोरों पर है. मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे इस एक्सप्रेसवे के साथ-साथ एक औद्योगिक गलियारा भी विकसित किया जा रहा है. जिले की सीमा के पास 120 हेक्टेयर भूमि को औद्योगिक गलियारे के लिए अधिग्रहित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. इस गलियारे के विकसित होने से हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे.

गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण

उत्तर प्रदेश औद्योगिक एक्सप्रेसवेज विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा इस परियोजना का काम तेज गति से पूरा किया जा रहा है. मेरठ से लेकर प्रयागराज तक फैले इस एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का अंतिम चरण चल रहा है. सरकार ने जिले की सीमा से सटे हापुड़ के सदरपुर भैना, ठेरा और चिचावली गांवों में औद्योगिक गलियारा विकसित करने के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी है.

120 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण मार्च तक होगा पूरा

इस औद्योगिक गलियारे के लिए 120 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है. प्रशासन के अनुसार, 15 मार्च तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और इसके बाद भूमि को यूपीडा को सौंप दिया जाएगा. यूपीडा अप्रैल से इस औद्योगिक गलियारे के विकास की प्रक्रिया को गति देगा.

औद्योगिक गलियारे से युवाओं को मिलेगा लाभ

गंगा एक्सप्रेसवे न केवल यातायात की सुगमता बढ़ाएगा बल्कि इससे जुड़े औद्योगिक गलियारे के कारण रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. जिले की सीमा से सटे हापुड़ और अमरोहा में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है. इससे स्थानीय युवाओं को नौकरी के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्र का आर्थिक विकास तेज होगा. खासकर स्याना क्षेत्र, जो अब तक पिछड़ा माना जाता रहा है. वह भी इस परियोजना से लाभान्वित होगा.

इन गांवों में होगा औद्योगिक गलियारे का विकास

गंगा एक्सप्रेसवे के साथ विकसित किए जा रहे औद्योगिक गलियारे के तहत हापुड़ जिले की गढ़मुक्तेश्वर तहसील के सदरपुर भैना, ठेरा और चिचावली गांवों में बड़े स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा. इससे इस क्षेत्र में नए उद्योगों की स्थापना होगी और आसपास के क्षेत्रों में भी औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी.

गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की मुख्य विशेषताएं

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट है, जो प्रदेश के विभिन्न हिस्सों को आपस में जोड़ने का काम करेगा. इस परियोजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

विशेषतासंख्या
कुल लंबाई594 किमी
आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज)7
बड़े पुल14
छोटे पुल127
अंडरपास375
डायमंड इंटरचेंज8
ओवर ब्रिज28
मुख्य टोल प्लाजा2
परियोजना की अनुमानित लागत₹36,404 करोड़

औद्योगिक क्षेत्र के विकास से जुड़े प्रमुख लाभ

औद्योगिक गलियारा केवल रोजगार के नए अवसर ही नहीं खोलेगा, बल्कि इससे अन्य महत्वपूर्ण लाभ भी होंगे:

  • निवेश को बढ़ावा मिलेगा – बड़ी कंपनियां और उद्योगपति इस क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं.
  • स्थानीय कारोबारियों को फायदा होगा – छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमियों को नए अवसर मिलेंगे.
  • इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा – सड़क, बिजली और अन्य सुविधाएं तेजी से विकसित होंगी.
  • रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा – औद्योगिक क्षेत्र के विकास से आवासीय परियोजनाओं की मांग बढ़ेगी.

यूपीडा की अगली योजना

यूपीडा के एक्सईएन आरसी मोघ के अनुसार, अप्रैल 2025 से औद्योगिक गलियारे को विकसित करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया जाएगा. अधिग्रहित की गई भूमि पर जल्द ही नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना शुरू होगी. सरकार का लक्ष्य है कि इस परियोजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश को नया औद्योगिक हब बनाया जाए.

Leave a Comment