Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को प्राचीन भारत के सबसे ज्ञानी और विद्वान पुरुषों में गिना जाता है. अपने जीवनकाल में उन्होंने मानव जाति की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां बनाई. जिन्हें बाद में ‘चाणक्य नीति’ के नाम से जाना गया. इन नीतियों का पालन करने से व्यक्ति अपने जीवन को सफल और समृद्ध बना सकता है.
किन कार्यों के बाद स्नान करना अनिवार्य?
आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथों में कुछ ऐसे कार्यों का उल्लेख किया है जिनके बाद स्नान करना अत्यंत आवश्यक माना गया है. इन कार्यों के बाद बिना स्नान किए रहने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है. जिससे व्यक्ति के जीवन पर विपरीत असर पड़ता है. आइए इन महत्वपूर्ण नियमों को विस्तार से जानते हैं.
1. श्मशान घाट से लौटने के बाद स्नान आवश्यक
चाणक्य नीति के अनुसार किसी भी व्यक्ति को श्मशान घाट से वापस आने के बाद बिना स्नान किए घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए. अंतिम संस्कार में शामिल होने से व्यक्ति का शरीर अपवित्र हो जाता है और उसमें नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है. इसलिए बड़े-बुजुर्ग हमेशा श्मशान से आने के बाद स्नान करने की सलाह देते हैं.
2. बाल कटवाने के बाद स्नान क्यों जरूरी?
अगर आप नाई की दुकान से बाल कटवाकर आए हैं, तो आपको तुरंत स्नान करना चाहिए. बाल कटवाने से शरीर पर छोटे-छोटे बाल चिपक जाते हैं, जो अस्वच्छता का कारण बनते हैं. साथ ही इसे अपवित्र कार्य माना जाता है. जिससे बचने के लिए स्नान अनिवार्य है.
3. शरीर की मालिश (मसाज) के बाद स्नान करना चाहिए
अगर आपने तेल मालिश करवाई है, तो उसके बाद स्नान अवश्य करना चाहिए. मसाज के दौरान शरीर से कई तरह की गंदगी और मृत कोशिकाएं निकलती हैं, जिससे शरीर चिपचिपा और अस्वच्छ हो जाता है. यदि स्नान नहीं किया जाए तो इससे बदबू आने लगती है और त्वचा में संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है.
4. नवजात शिशु या गर्भवती महिला के संपर्क में आने के बाद स्नान
चाणक्य नीति के अनुसार, जब कोई व्यक्ति नवजात शिशु या गर्भवती महिला के संपर्क में आता है, तो उसे स्वच्छता बनाए रखने के लिए स्नान करना चाहिए. यह नियम शारीरिक स्वच्छता और शिशु के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है.
5. मासिक धर्म के दौरान और बाद में स्नान
चाणक्य नीति में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है. महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दौरान और उसके बाद स्नान करना आवश्यक बताया गया है. इससे शरीर की स्वच्छता बनी रहती है और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
6. अंतिम संस्कार की राख छूने के बाद स्नान
अगर आप किसी अंतिम संस्कार के दौरान वहां की राख या लकड़ी को छूते हैं, तो आपको तुरंत स्नान करना चाहिए. राख को अपवित्र माना जाता है और यह शरीर की ऊर्जा को प्रभावित कर सकती है. इसलिए शुद्धि के लिए स्नान करना जरूरी होता है.
7. पशुओं के संपर्क में आने के बाद स्नान
यदि आप किसी पशु के सीधे संपर्क में आते हैं. खासकर जब वह गंदा हो, तो आपको स्नान कर लेना चाहिए. ऐसा करने से न केवल स्वच्छता बनी रहती है. बल्कि किसी भी प्रकार के संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है.
8. किसी धार्मिक अनुष्ठान के बाद स्नान का महत्व
अगर आपने किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया है, तो इसके बाद स्नान करने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.