Indian Railway: भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है. हर दिन लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं, जिससे यह देश की सबसे महत्वपूर्ण परिवहन सेवा बन गई है. यह सुविधा लोगों को दूरियों के बावजूद अपनों के करीब बनाए रखती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन के इंजन को यात्रा के दौरान या स्टेशनों पर रुकने के बावजूद बंद क्यों नहीं किया जाता?
इंजन के बंद न होने के पीछे की तकनीकी वजहें
रेलवे इंजनों को बंद न करने के पीछे कई महत्वपूर्ण तकनीकी कारण होते हैं. ये कारण न केवल ट्रेनों की सुचारू संचालन को सुनिश्चित करते हैं, बल्कि रेलवे कर्मचारियों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक होते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों भारतीय रेलवे के इंजन को लगातार चालू रखा जाता है.
ब्रेक प्रेशर सिस्टम की निर्भरता
ट्रेन के ब्रेक सिस्टम को ब्रेक प्रेशर सिस्टम कहा जाता है, जो पूरी तरह से इंजन पर निर्भर करता है. यदि इंजन को बंद कर दिया जाए, तो ब्रेक प्रेशर सिस्टम में समस्या आ सकती है. जिससे ट्रेन को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है. यह न केवल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है. बल्कि ट्रेन संचालन में भी गंभीर बाधाएं उत्पन्न कर सकता है.
डीजल इंजन में बैटरी चार्जिंग की आवश्यकता
डीजल इंजनों में बैटरी लगी होती है, जो ट्रेन के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों को संचालित करती है. इस बैटरी को चार्ज रखने के लिए इंजन को लगातार चालू रखना जरूरी होता है. यदि इंजन बंद कर दिया जाए, तो बैटरी डिस्चार्ज हो सकती है. जिससे ट्रेन को दोबारा चालू करने में कठिनाई आ सकती है. यही वजह है कि इंजन को हर समय चालू रखा जाता है.
इंजन की कार्यक्षमता बनाए रखने की जरूरत
इंजन को लंबे समय तक बंद रखने से उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है. ठंडे इंजन को दोबारा चालू करने में अधिक समय और ऊर्जा लगती है. जिससे ट्रेन संचालन में देरी हो सकती है. इसलिए ट्रेनों के सुचारू संचालन और समय की बचत के लिए इंजन को बंद न करना एक आवश्यक प्रक्रिया है.
कई ट्रेनों के लिए एक ही इंजन
भारतीय रेलवे में कई ट्रेनों का संचालन एक ही इंजन से किया जाता है. यदि इंजन को बार-बार बंद और चालू किया जाए, तो यह न केवल अधिक ईंधन की खपत करेगा. बल्कि इससे इंजन पर अनावश्यक दबाव भी पड़ेगा. इसलिए रेलवे इंजनों को लगातार चालू रखा जाता है ताकि कई ट्रेनों का संचालन निर्बाध रूप से किया जा सके.
मौसम संबंधी कारक
ठंड के मौसम में इंजन को बंद करने से यह पूरी तरह से ठंडा हो सकता है. जिससे इसे दोबारा चालू करने में दिक्कत आ सकती है. विशेष रूप से उत्तर भारत के सर्द इलाकों में जहां तापमान शून्य से नीचे चला जाता है. वहां इंजन को चालू रखना अनिवार्य हो जाता है ताकि ट्रेन संचालन में कोई बाधा न आए.
इंधन की खपत और परिचालन लागत
यह मानना गलत होगा कि इंजन को लगातार चालू रखने से ईंधन की अधिक खपत होती है. वास्तव में बार-बार इंजन को चालू और बंद करने से अधिक ईंधन खर्च होता है और इंजन की कार्यक्षमता भी घटती है. रेलवे इस प्रक्रिया को संतुलित तरीके से अपनाकर इंधन की बचत करने का प्रयास करता है.
विद्युत चालित इंजन का महत्व
विद्युत चालित इंजनों में भी इंजन को बंद नहीं किया जाता. क्योंकि इसमें बिजली की निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता होती है. इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन के लिए इंजन को हर समय तैयार रखना पड़ता है ताकि यात्रा में कोई बाधा न आए.
रेलवे सुरक्षा और सुगम संचालन
ट्रेन संचालन में सुरक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है. इंजन चालू होने से रेलवे कर्मचारी और ड्राइवर किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दे सकते हैं. यदि इंजन बंद होता, तो किसी भी आपात स्थिति में ट्रेन को तुरंत नहीं चलाया जा सकता था. जिससे यात्रियों को खतरा हो सकता था.