New Expressway: भारत सरकार देश के विकास को गति देने के लिए नए हाईवे और एक्सप्रेसवे का तेजी से निर्माण कर रही है. आजादी के बाद से अब तक देश में कई बड़े एक्सप्रेसवे बनाए गए हैं. जिन्होंने भारत के प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन एक्सप्रेसवे की बदौलत यात्रा का समय कम हुआ है और लोगों को सुगम आवागमन का लाभ मिल रहा है.
पलवल से अलीगढ़ तक बनेगा नया एक्सप्रेसवे
अब हरियाणा के पलवल से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ तक एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हरियाणा तक की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा और यात्रा को आसान बनाएगा. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य नोएडा, गुरुग्राम, अलीगढ़, मेरठ और गाजियाबाद जैसे शहरों को बेहतर सड़क नेटवर्क से जोड़ना है.
32 किलोमीटर लंबा होगा एक्सप्रेसवे
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 32 किलोमीटर होगी और इसके निर्माण पर करीब 2300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यह एक्सप्रेसवे अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र से यमुना एक्सप्रेसवे और हरियाणा के पलवल में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा. हालांकि अभी तक सरकार ने इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य शुरू होने की आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है. लेकिन जल्द ही इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है.
इन शहरों को मिलेगा सबसे अधिक लाभ
32 किलोमीटर लंबे इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बनने से अलीगढ़, मेरठ, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. इन शहरों में अत्यधिक जनसंख्या और बढ़ते ट्रैफिक जाम की समस्या से लोग परेशान रहते हैं.
- एक्सप्रेसवे बनने के बाद नोएडा, गुरुग्राम और दिल्ली-NCR की यात्रा सुगम हो जाएगी.
- दिल्ली और आगरा के बीच यात्रा का समय कम होगा.
- मथुरा, अलीगढ़, पलवल और आसपास के इलाकों के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
इन 43 गांवों की जमीन से बनेगा एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए अलीगढ़ जिले के 43 गांवों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी. इनमें प्रमुख गांव शामिल हैं:
- अंडला, अर्राना, जरारा, चौधाना, तरौरा, नयावास, रसूलपुर, ऐंचना, उदयगढ़ी, बमौती, लक्ष्मणगढ़ी, मऊ, बांकनेर, धर्मपुर, नगला अस्सू, दमुआका, खैर, उसरहपुर रसूलपुर, नागल कलां आदि.
नोएडा-गुरुग्राम की यात्रा होगी आसान
नोएडा और गुरुग्राम ऐसे दो प्रमुख शहर हैं. जहां लोग नौकरी और व्यवसाय के लिए बड़ी संख्या में आते-जाते हैं. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से:
- यात्रियों को जाम से राहत मिलेगी और वे तेजी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे.
- नोएडा से गुरुग्राम, अलीगढ़, मथुरा, आगरा और पलवल का सफर तेज और आरामदायक होगा.
- दिल्ली-NCR के लोगों के लिए इस एक्सप्रेसवे का उपयोग फास्ट ट्रैक मार्ग की तरह होगा.
यात्रा का समय होगा कम
इस नए एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद लोगों का यात्रा समय काफी कम हो जाएगा. उदाहरण के तौर पर:
- सारसौल से यमुना एक्सप्रेसवे तक की यात्रा अब केवल एक घंटे में पूरी की जा सकेगी.
- मथुरा, आगरा, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों तक पहुंचना पहले से ज्यादा आसान और तेज़ हो जाएगा.
- लोग बिना किसी बाधा के फास्ट-ट्रैक हाईवे पर सुरक्षित यात्रा कर पाएंगे.
पर्यावरण और विकास को मिलेगा बढ़ावा
यह एक्सप्रेसवे ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत बनाया जाएगा. जिसका अर्थ है कि यह नई तकनीक और पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखकर विकसित किया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे से:
- ईंधन की खपत कम होगी, जिससे प्रदूषण कम होगा.
- औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी. जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
- पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि आगरा, मथुरा, वृंदावन जैसे ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी.
सरकार की योजना और आगे की रणनीति
इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सरकार भूमि अधिग्रहण, निर्माण कंपनियों के चयन और वित्तीय योजनाओं पर काम कर रही है.
- जल्दी ही इस प्रोजेक्ट का टेंडर जारी किया जाएगा.
- सरकार की योजना इसे 3 साल में पूरा करने की है.
- निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों और पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता दी जाएगी.