बोर्ड एग्जाम में इन अध्यापकों की नही लगेगी ड्यूटी, नियमों में हुआ बदलाव Haryana Board Exam

Haryana Board Exam: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए एक अहम निर्णय लिया है. इस नए नियम के तहत, आगामी हरियाणा बोर्ड परीक्षा 2025 में निजी स्कूलों के शिक्षकों और स्टाफ की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. सरकार का मानना है कि इससे नकल पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सकेगा.

निजी स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी पर रोक

बोर्ड के इस फैसले का उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है. इससे पहले भी कई बार निजी स्कूलों के स्टाफ की ड्यूटी परीक्षाओं में नहीं लगाई गई थी. लेकिन इस बार इसे पूरी तरह से लागू किया गया है.

फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन की आपत्ति

फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि सरकार का यह कदम निजी स्कूलों और सरकारी तंत्र के बीच अविश्वास पैदा कर सकता है. फेडरेशन का मानना है कि निजी स्कूलों के शिक्षकों पर भरोसा न करना गलत है और इससे शिक्षा क्षेत्र में असंतोष बढ़ सकता है.

सरकारी स्कूलों में नकल रोकने में कितनी सफलता?

एसोसिएशन ने यह भी सवाल उठाया है कि जब पहले भी निजी स्कूलों के स्टाफ को परीक्षा ड्यूटी से हटाया गया था. तब क्या सरकारी स्कूलों में नकल को रोकने में पूरी तरह से सफलता मिली थी? उनका मानना है कि नकल रोकने के लिए केवल निजी स्कूलों को अलग रखना उचित समाधान नहीं है.

परीक्षा ड्यूटी से बचने की प्रवृत्ति

बोर्ड के अनुसार कई सरकारी स्कूलों के शिक्षक परीक्षा ड्यूटी से बचने की कोशिश करते हैं. इसके विपरीत, निजी स्कूलों के शिक्षक स्वयं परीक्षा ड्यूटी के लिए तैयार रहते हैं. यह विरोधाभास दर्शाता है कि नकल रोकने के लिए किए गए निर्णय में सभी पहलुओं पर विचार नहीं किया गया है.

2019 में लगा था निजी स्कूलों पर जुर्माना

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने मार्च 2019 में हुई 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाओं में ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले निजी स्कूलों के शिक्षकों पर जुर्माना लगाया था. उन स्कूलों पर 5-5 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया था. इस फैसले का तब भी विरोध हुआ था. लेकिन बोर्ड ने इसे परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी बताया था.

प्राइवेट स्कूलों को परीक्षा से दूर रखने का निर्णय

बोर्ड ने अब इन विवादों से बचने और परीक्षा प्रक्रिया को बिना किसी बाधा के संचालित करने के लिए निजी स्कूलों को बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी से पूरी तरह से अलग रखने का फैसला किया है. हालांकि इस फैसले का फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन लगातार विरोध कर रहा है.

सरकार और निजी स्कूलों के बीच बढ़ता विवाद

सरकार और निजी स्कूलों के बीच यह विवाद अब गहराता जा रहा है. शिक्षा के क्षेत्र में निजी संस्थानों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. निजी स्कूलों का कहना है कि वे छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रयासरत हैं और उन्हें इस तरह से अलग रखना उनके अधिकारों का हनन है.

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