Ration ATM: अब सरकारी सस्ता गल्ले की दुकानों पर लंबी कतारों में लगने से उपभोक्ताओं को राहत मिलने वाली है. जिला पूर्ति कार्यालय ने चार ग्रीन अनाज एटीएम स्थापित किए हैं. जिनका ट्रायल सफल हो गया है. इन एटीएम की मदद से उपभोक्ता बिना किसी देरी और वजन में कटौती की समस्या के अपना राशन प्राप्त कर सकेंगे.
कहां लगाए गए हैं ग्रीन एटीएम?
वर्तमान में चार ग्रीन एटीएम देहरादून, ऋषिकेश, सहसपुर और विकासनगर में लगाए गए हैं. यह योजना सफल होने पर अन्य स्थानों पर भी एटीएम लगाने की योजना है. राशन वितरण में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए इन मशीनों का पहले ट्रायल किया गया और साथ ही राशन विक्रेताओं को इस तकनीक का प्रशिक्षण भी दिया गया.
क्या है ग्रीन एटीएम और कैसे करेगा काम?
ग्रीन एटीएम पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड है और उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसे विकसित किया गया है. यह मशीन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA), अंत्योदय योजना और राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (SFSA) के तहत मिलने वाले राशन को सही तरीके से वितरित करेगी.
- उपभोक्ता राशन कार्ड नंबर दर्ज करेगा.
- मशीन से जुड़ी प्रणाली में उसकी पूरी जानकारी आ जाएगी.
- तय मात्रा में गेहूं और चावल का वजन किया जाएगा.
- एटीएम से उतनी ही यूनिट अनाज बाहर निकलेगा. जितना राशन कार्ड पर निर्धारित होगा.
- राशन का वजन मशीन से होगा। जिससे किसी भी प्रकार की कटौती (घटतौली) की गुंजाइश नहीं रहेगी.
कितनी क्षमता वाला है ग्रीन एटीएम?
ग्रीन एटीएम की क्षमता 30 क्विंटल राशन वितरण करने की है. यानी यह मशीन एक घंटे में पांच क्विंटल राशन बांट सकती है. जबकि मैन्युअल प्रक्रिया में एक क्विंटल राशन वितरण करने में तीन घंटे तक का समय लगता है. इससे राशन वितरण प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो जाएगी.
राशन वितरण में पारदर्शिता, घटतौली पर लगेगी रोक
सरकारी राशन वितरण में अक्सर घटतौली और गड़बड़ी की शिकायतें सामने आती हैं. नई तकनीक से इन समस्याओं पर रोक लगेगी क्योंकि:
- पूरी प्रक्रिया डिजिटल और स्वचालित होगी.
- राशन वितरण में अनाज का सही वजन सुनिश्चित होगा.
- कोई भी विक्रेता अपनी मनमर्जी से राशन की मात्रा में बदलाव नहीं कर सकेगा.
विभाग की होगी ग्रीन एटीएम की निगरानी
ग्रीन एटीएम को सुचारू रूप से संचालित करने की जिम्मेदारी जिला पूर्ति कार्यालय की होगी. यदि मशीन में किसी तरह की तकनीकी खराबी आती है, तो उसे ठीक कराने की जिम्मेदारी भी विभाग की होगी. हालांकि बिजली के बिल का भुगतान राशन विक्रेता को ही करना होगा.
हर महीने देना होगा वितरण का विवरण
ग्रीन एटीएम संचालित करने वाले दुकानदारों को हर महीने वितरण की रिपोर्ट जिला पूर्ति कार्यालय को देनी होगी. यह इसलिए भी अनिवार्य किया गया है ताकि वितरण प्रक्रिया पारदर्शी रहे और किसी भी तरह की अनियमितता से बचा जा सके.
राशन वितरण की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव
ग्रीन एटीएम से राशन वितरण शुरू होने से कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे:
- उपभोक्ताओं को लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी.
- घटतौली और अनाज चोरी की समस्या खत्म हो जाएगी.
- राशन वितरण तेज और पारदर्शी तरीके से होगा.
- सरकारी दुकानों पर अनियमितता पर रोक लगेगी.
- अनाज वितरण पूरी तरह डिजिटल होने से गड़बड़ियों पर नियंत्रण रहेगा.
क्या अन्य स्थानों पर भी लगेंगे ग्रीन एटीएम?
डीएसओ केके अग्रवाल ने बताया कि सहसपुर में स्थापित ग्रीन एटीएम को जल्द ही चालू किया जाएगा. साथ ही जरूरत के हिसाब से अन्य सरकारी राशन दुकानों पर भी इस तकनीक को लागू किया जाएगा. यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो राज्यभर में सभी सस्ता गल्ला दुकानों पर ग्रीन एटीएम लगाए जा सकते हैं.
उपभोक्ताओं को क्या फायदा होगा?
सरकार की यह पहल उपभोक्ताओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी:
- महिलाओं को लंबी कतारों में लगने से छुटकारा मिलेगा.
- राशन लेने में समय की बचत होगी.
- हर उपभोक्ता को उसका पूरा हक मिलेगा. किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं होगी.
- बुजुर्ग और दिव्यांग लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी.