Primary Schools Exam: हरियाणा के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 17 मार्च से वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं. इसमें बाल वाटिका से लेकर कक्षा 5 तक के विद्यार्थी शामिल होंगे. शिक्षा विभाग ने परीक्षा की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.
शिक्षा विभाग का फोकस – कमजोर कौशल पर ध्यान
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों, डाइट प्राचार्यों, खंड शिक्षा अधिकारियों और जिला एफएलएन समन्वयकों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि परीक्षा से पहले विद्यार्थियों की उन दक्षताओं पर विशेष ध्यान दिया जाए. जिनमें उन्हें कठिनाई हो रही है. यह प्रयास विद्यार्थियों की शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया है.
परीक्षा और रिवीजन के लिए तैयार हुआ विषयवार कौशल
बाल वाटिका के अलावा कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों की परीक्षा और रिवीजन के लिए विषयवार कौशल तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि ‘निपुण हरियाणा मिशन’ के तहत निर्धारित 24 सप्ताह की वार्षिक योजना पूरी हो चुकी है. जिसके आधार पर परीक्षाएं ली जाएंगी.
17 मार्च से शुरू होगी वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा
कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों की वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा 17 मार्च से प्रारंभ होगी. इस दौरान विद्यार्थियों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए परीक्षा के स्वरूप को तैयार किया गया है. जिससे उनकी वास्तविक दक्षताओं का आकलन किया जा सके.
विद्यार्थियों की तैयारी पर शिक्षकों को विशेष ध्यान देने के निर्देश
शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को प्रभावी ढंग से परीक्षा के लिए तैयार किया जाए. इससे पहले हुए विभिन्न आकलनों में पाया गया है कि कुछ विषयों में विद्यार्थी अभी भी पिछड़ रहे हैं. इसलिए शिक्षकों को उन विषयों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है. जिनमें विद्यार्थियों को कठिनाई हो रही है.
शिक्षकों को निर्देश – विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान करें
विभाग ने स्पष्ट किया है कि शिक्षकों को परीक्षा से पहले विद्यार्थियों की समस्याओं को समझकर उनकी तैयारियों को मजबूत बनाना चाहिए. कमजोर विषयों पर अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएं और विद्यार्थियों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित किया जाए.
परीक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी
शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे परीक्षा केंद्रों पर अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखें. किसी भी शिकायत की स्थिति में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.