Goat Farming: अगर आप कम लागत में व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और सरकारी मदद से फायदा उठाना चाहते हैं, तो बकरी पालन (Goat Farming) आपके लिए एक उत्तम विकल्प हो सकता है। पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं के जरिए सरकार बकरी पालन के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए रास्ते खुल रहे हैं।
दूध उत्पादन के लिए खास मानी जाती हैं ये नस्लें
अगर आप दूध के लिए बकरी पालन करना चाहते हैं, तो आपको ऐसी नस्लों का चयन करना चाहिए जो दूध उत्पादन में बेहतर हों। भारत में कुछ खास बकरी नस्लें हैं जिन्हें दुधारू क्षमता के लिए जाना जाता है। इन नस्लों को पालकर कम समय में अधिक आमदनी की जा सकती है।
बीटल नस्ल की बकरियाँ हर मौसम में लाभकारी
बीटल बकरी उत्तर भारत की प्रमुख नस्लों में से एक है। इनकी खासियत यह है कि ये हर मौसम में ढलने की क्षमता रखती हैं और दूध उत्पादन में लगातार अच्छा प्रदर्शन करती हैं।
बीटल बकरी की पहचान:
- लंबे पैर और पीछे की ओर मुड़े सींग
- नीचे की ओर लटकते कान
- छोटी और पतली पूंछ
बीटल नस्ल की बकरियाँ एक दिन में औसतन 2 से 3 लीटर दूध देती हैं, जिससे किसान को अच्छा लाभ मिल सकता है।
जमुनापारी बकरी सफेद सुंदरता और ज्यादा दूध
जमुनापारी नस्ल की बकरी को उसकी दूध देने की क्षमता और सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह नस्ल मुख्यतः उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है।
जमुनापारी बकरी की पहचान:
- सफेद रंग, पीठ पर लंबे बाल
- बड़े, लटकते कान
- सिर पर छोटे सींग
जमुनापारी बकरी प्रतिदिन 2.5 से 3.5 लीटर तक दूध देने में सक्षम होती है, जो घरेलू उपयोग और व्यवसाय दोनों के लिए लाभदायक है।
जखराना नस्ल ज्यादा दूध और मजबूत शरीर
जखराना बकरी विशेष रूप से राजस्थान की प्रमुख दुधारू नस्लों में से एक है। यह नस्ल दूध उत्पादन में अत्यंत उपयोगी मानी जाती है।
जखराना बकरी की पहचान:
- गहरा काला रंग, लेकिन कान और मुंह पर सफेद धब्बे
- शरीर पर अन्य कोई दाग नहीं
- मजबूत और स्वस्थ शरीर
जखराना नस्ल की बकरियाँ एक दिन में औसतन 3 लीटर दूध देने में सक्षम होती हैं।
सरकार की योजनाएं दे रहीं हैं समर्थन
सरकार की कई योजनाओं के तहत किसानों को बकरी पालन के लिए ऋण और सब्सिडी मिलती है। नाबार्ड और राज्य पशुपालन विभाग की योजनाओं के तहत आप आसानी से बकरी यूनिट स्थापित कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित विभागों से संपर्क करना होगा और निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा।
कैसे शुरू करें बकरी पालन व्यवसाय ?
- स्थानीय पशुपालन विभाग से संपर्क करें।
- पात्रता अनुसार योजना के लिए आवेदन करें।
- बीटल, जमुनापारी या जखराना जैसी नस्लों का चयन करें।
- स्वस्थ वातावरण और पर्याप्त चारा की व्यवस्था करें।
- दूध बिक्री के लिए स्थानीय बाजार या दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़ें।
बकरी पालन से जुड़े मुख्य लाभ
- कम लागत और कम जगह में शुरू हो सकता है व्यवसाय
- दूध, मांस और खाद तीनों से कमाई
- ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वरोजगार का बेहतर माध्यम
- सरकार से प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता उपलब्ध