सभी वाहन चालक जरुर बनवा ले ये खास डॉक्युमेंट, वरना कट सकता है 10000 का चालान Traffic Challan

Traffic Challan: अगर आप कार चलाते हैं, तो आपके पास कार का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और इंश्योरेंस (Insurance) होना जरूरी है. लेकिन इसके अलावा एक और जरूरी डॉक्यूमेंट है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. यह डॉक्यूमेंट है पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट. इन दिनों ट्रैफिक पुलिस इसके खिलाफ सख्त चेकिंग कर रही है. यदि आपके पास यह सर्टिफिकेट नहीं है, तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है.

PUC सर्टिफिकेट क्यों जरूरी है?

PUC सर्टिफिकेट यह प्रमाणित करता है कि आपकी गाड़ी से निकलने वाला धुआं सरकारी मानकों के अनुसार है या नहीं. खासकर दिल्ली-NCR जैसे प्रदूषित इलाकों में इसका होना बहुत जरूरी है, क्योंकि यहां की ट्रैफिक पुलिस प्रदूषण नियंत्रण को लेकर काफी सतर्क है. PUC सर्टिफिकेट के बिना गाड़ी चलाना कानूनी अपराध माना जाता है और इसके लिए जुर्माना भी लगाया जाता है.

बिना PUC सर्टिफिकेट के चालान

अगर आपके पास PUC सर्टिफिकेट नहीं है, तो आपको मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 190(2) के तहत 10,000 रुपए तक का चालान लग सकता है. इसके अलावा 6 महीने की जेल या दोनों सजाएं भी दी जा सकती हैं. कई मामलों में लाइसेंस भी 3 महीने के लिए सस्पेंड किया जा सकता है.

PUC सर्टिफिकेट कैसे बनवाएं?

PUC सर्टिफिकेट बनवाना बेहद आसान और सस्ता है. इसे बनाने के लिए आपको किसी अधिकृत PUC सेंटर पर जाकर अपनी गाड़ी की प्रदूषण जांच करवानी होती है. यह सेंटर आमतौर पर पेट्रोल पंप और वर्कशॉप पर मौजूद होते हैं. जांच के बाद अगर आपकी गाड़ी सरकार द्वारा निर्धारित प्रदूषण सीमा के अंदर आती है, तो आपको तुरंत PUC सर्टिफिकेट मिल जाता है.

PUC सर्टिफिकेट की वैधता

PUC सर्टिफिकेट की वैधता गाड़ी के प्रकार और ईंधन पर निर्भर करती है.

  • नई गाड़ियों के लिए पहला PUC सर्टिफिकेट 1 साल के लिए वैध होता है.
  • पुरानी गाड़ियों के लिए PUC सर्टिफिकेट 3 से 6 महीने के लिए मान्य होता है.
  • यदि जांच के दौरान गाड़ी तय मानकों से ज्यादा प्रदूषण फैला रही होती है, तो नया सर्टिफिकेट मिलने से पहले उसे ठीक कराना अनिवार्य होता है.

PUC सर्टिफिकेट न होने पर क्या नुकसान हो सकता है?

  • भारी जुर्माना – चालान कटने की स्थिति में 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है.
  • लाइसेंस सस्पेंड – 3 महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किया जा सकता है.
  • गाड़ी जब्त होने की संभावना – यदि आपकी गाड़ी बार-बार प्रदूषण फैला रही है, तो ट्रैफिक पुलिस इसे जब्त भी कर सकती है.
  • बीमा क्लेम में दिक्कत – यदि दुर्घटना के समय आपके पास PUC सर्टिफिकेट नहीं है, तो बीमा कंपनियां क्लेम देने से इंकार कर सकती हैं.

ऑनलाइन PUC सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त करें?

अब आप PUC सर्टिफिकेट ऑनलाइन भी चेक और डाउनलोड कर सकते हैं. इसके लिए:

  • परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (https://vahan.parivahan.gov.in/puc) पर जाएं.
  • PUC सर्टिफिकेट ऑप्शन पर क्लिक करें.
  • अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर और PUC सर्टिफिकेट नंबर दर्ज करें.
  • सर्टिफिकेट डाउनलोड करें और इसे अपने फोन में सेव कर लें.

क्या होता है जब गाड़ी PUC टेस्ट में फेल हो जाती है?

अगर आपकी गाड़ी PUC टेस्ट में फेल हो जाती है, तो आपको:

  • गाड़ी की सर्विस और ट्यूनिंग करवानी होगी.
  • फिर से टेस्ट कराना होगा.
  • प्रदूषण कम होने के बाद ही नया PUC सर्टिफिकेट मिलेगा.

PUC टेस्ट कराने का खर्च कितना है?

  • PUC टेस्ट कराने का खर्च बेहद कम होता है.
  • डीजल गाड़ियों के लिए: लगभग 200-300 रुपये.
  • बाइक और स्कूटर के लिए: लगभग 60-100 रुपये.
  • पेट्रोल कार के लिए: लगभग 100-200 रुपये.

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